मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

करवा चौथ (karva chouth)



करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुथी में मानाया जाता है.यह पवॅ सौभाग्यवती स्त्रियों मानाती है.यह वत्तॅ सुबह सूयोदय से पहले करीब ४ बजे के बाद शुरू हो कर रात में चंद्रमा दशॅन के बाद संपूणॅ होता है. करवाचौथ भारतीय नारी कासर्वाधिकमहत्वपूर्ण व्रत है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाएं तक सभी नारियां करवाचौथ का व्रत बडी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत काíतक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदयव्यापिनीचतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अ‌र्घ्यदेने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सवज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहाररहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं।

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