शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2009
जय जवान जय किसान (jai javan jai kisan)लालबहादुरशास्त्री
छः साल का एक लड़का अपने दोस्तों के साथ एक बगीचे में फूल तोड़ने के लिए घुस गया। उसके दोस्तों ने बहुत सारे फूल तोड़कर अपनी झोलियाँ भर लीं। वह लड़का सबसे छोटा और कमज़ोर होने के कारण सबसे पिछड़ गया। उसने पहला फूल तोड़ा ही था कि बगीचे का माली आ पहुँचा। दूसरे लड़के भागने में सफल हो गए लेकिन छोटा लड़का माली के हत्थे चढ़ गया।
बहुत सारे फूलों के टूट जाने और दूसरे लड़कों के भाग जाने के कारण माली बहुत गुस्से में था। उसने अपना सारा क्रोध उस छः साल के बालक पर निकाला और उसे पीट दिया।
नन्हे बच्चे ने माली से कहा – “आप मुझे इसलिए पीट रहे हैं क्योकि मेरे पिता नहीं हैं!”
यह सुनकर माली का क्रोध जाता रहा। वह बोला – “बेटे, पिता के न होने पर तो तुम्हारी जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है।”
माली की मार खाने पर तो उस बच्चे ने एक आंसू भी नहीं बहाया था लेकिन यह सुनकर बच्चा बिलखकर रो पड़ा। यह बात उसके दिल में घर कर गई और उसने इसे जीवन भर नहीं भुलाया।
उसी दिन से बच्चे ने अपने ह्रदय में यह निश्चय कर लिया कि वह कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे किसी का कोई नुकसान हो।
बड़ा होने पर वही बालक भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के आन्दोलन में कूद पड़ा। एक दिन उसने लालबहादुर शास्त्री के नाम से देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया।
बहुत सारे फूलों के टूट जाने और दूसरे लड़कों के भाग जाने के कारण माली बहुत गुस्से में था। उसने अपना सारा क्रोध उस छः साल के बालक पर निकाला और उसे पीट दिया।
नन्हे बच्चे ने माली से कहा – “आप मुझे इसलिए पीट रहे हैं क्योकि मेरे पिता नहीं हैं!”
यह सुनकर माली का क्रोध जाता रहा। वह बोला – “बेटे, पिता के न होने पर तो तुम्हारी जिम्मेदारी और अधिक हो जाती है।”
माली की मार खाने पर तो उस बच्चे ने एक आंसू भी नहीं बहाया था लेकिन यह सुनकर बच्चा बिलखकर रो पड़ा। यह बात उसके दिल में घर कर गई और उसने इसे जीवन भर नहीं भुलाया।
उसी दिन से बच्चे ने अपने ह्रदय में यह निश्चय कर लिया कि वह कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे किसी का कोई नुकसान हो।
बड़ा होने पर वही बालक भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के आन्दोलन में कूद पड़ा। एक दिन उसने लालबहादुर शास्त्री के नाम से देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया।
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
बुधवार, 30 सितंबर 2009
मंगलवार, 29 सितंबर 2009
गोमती नगर पूजा पंडाल में भरी भीड़ (gomti nagar puja pandla me bhare bhid)
शारदीय नवरात्र की महा अष्टमी शनिवार को दुर्गा पूजा पण्डालों में जन सैलाब उमड़ पड़ा। दर्शन-पूजन के लिए भारी कतार लगी। लोगों को कई घंटे प्रतीक्षा करनी पड़ी। विभिन्न पण्डालों में वितरित किये जा रहे महा प्रसाद को लेने के लिए धक्का-मुक्की देर रात तक होती रही। तमाम वे लोग व्रत भी रहे जो चढ़ती-उतरती नवरात्र रहते है। पूरे नवरात्र पर्यन्त व्रत रहने वाले नवमी के दिन हवन कराने के व्यवस्था में लगे रहे। शक्ति पीठ शीतला चौकिया धाम एवं मैहर मंदिर में भी दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। हालांकि महंगाई का भी असर दिखाई पड़ रहा था। शहर के एक कोने में स्थापित पण्डाल से दूसरे कोने में जाने के लिए लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। कारण कि सुरक्षा व्यवस्था और आवागमन को सुचारु बनाने के उद्देश्य से पुलिस ने रिक्शा तथा वाहनों के प्रचलन पर रोक लगा दी है। एक से बढ़कर एक आकर्षक पूजा पण्डाल सजाए गये है। इनको देखते ही बनता है। मार्ग सजावट ऐसी की गयी है मानो देव लोक से परियों का आगमन होने वाला है और उनके स्वागत में यह भव्य सजावट की गयी है।
विराम खंड दशहरा पूजा (viram khand dashahara puja)
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