शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

विवाह (vivah)

विवाह दो आत्माओं का पवित्र बन्धन है । दो प्राणी अपने अलग-अलग अस्तित्वों को समाप्त कर एक सम्मिलित इकाई का निर्माण करते हैं । स्त्री और पुरुष दोनों में परमात्मा ने कुछ विशेषताएँ और कुछ अपूणर्ताएँ दे रखी हैं । विवाह सम्मिलन से एक-दूसरे की अपूर्णताओं की अपनी विशेषताओं से पूर्ण करते हैं, इससे समग्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है । इसलिए विवाह को सामान्यतया मानव जीवन की एक आवश्यकता माना गया है । एक-दूसरे को अपनी योग्यताओं और भावनाओं का लाभ पहुँचाते हुए गाड़ी में लगे हुए दो पहियों की तरह प्रगति-पथ पर अग्रसर होते जाना विवाह का उद्देश्य है । वासना का दाम्पत्य-जीवन में अत्यन्त तुच्छ और गौण स्थान है, प्रधानतः दो आत्माओं के मिलने से उत्पन्न होने वाली उस महती शक्ति का निमार्ण करना है, जो दोनों के लौकिक एवं आध्यात्मिक जीवन के विकास में सहायक सिद्ध हो सके ।Goa_Hotels
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शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

मन की बात (man ki baat)

अखबार की खबरें सबके लिए होती हैं, इसलिए उसमें कोई लुकाव या छिपाव नहीं होता, लेकिन पत्र या खास बातें जो बिल्कुल निजी होती है उसे सभी को नहीं बताया जा सकता। उनका सुरक्षित और गुप्त रूप से आदान- प्रदान किया जाता है।
कहते हैं एक गोली चलने पर कौआ सारे गाँव में शोर मचा कर साथियों को सावधान कर देता है लेकिन रोटी मिलने पर चुपचाप खा जाता है, अपने मुँह पर दाग भी नहीं छोड़ता। एक सैनिक लड़ाई में लगे जख्मों को सभी को दिखाता है लेकिन एक चोर-उचक्का अपने जख्मों को छुपाता फिरता है। इसलिए जिन चीजों को तुम्हारी आलमारी में होना चाहिए उन्हें वहीं पर रहना चाहिए और जो तस्वीरे दीवार के लिए हैं उन्हें वहीं पर टांगा जाना चाहिए।

योजना yojna

तुमने देखा होगा कि कौए बहुत अधिक शोर मचाते हैं, उससे कम चील और गिद्ध चुपचाप आते हैं. वे भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा खाकर उड़ जाते हैं, जबकि कौए बहुत थोड़ा प्राप्त करते हैं. इस तरह से सब कुछ शांति से चुपचाप हासिल कर लेना चाहिए. तुम्हें क्या मिला, तुम्हारी क्या चाह थी इसकी जरा सी भी भनक दूसरों को नहीं लगनी चाहिए. यही सबसे अच्छी योजना है.

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

चट-पटे सवाल