शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

कोर्स

हेल्थकेयर सेक्टर वर्ष 2012 तक 40 बिलियन डॉलर के आंकडे को छू सकता है।

सीसीईए ने 6000 नए मॉडल स्कूल खोलने का लिया है फैसला।

मेटलाइफ इंडिया अगले कुछ महीने में 32 हजार और टाटा एआईजी करीब 27 हजार लोगों को कर सकती हैं हायर

अगले दो साल में 11.41 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में।

2011 तक मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पहुंच सकती है 100000 करोड रुपये तक।

एसबीआई ने किया 25 हजार लोगों को रिक्रूट करने की घोषणा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी करेगा पांच हजार लोगों की भर्तियां।

हम वर्ष 2008 के अंतिम पडाव पर हैं और नव वर्ष 2009 को दस्तक देने ही वाले हैं। हालांकि वर्ष 2008 के शुरुआतमें किसी भी सेक्टर में नौकरियों की कोई कमी नहीं थी और सेंसेक्स भी कुलाचें भर रहा था, लेकिन शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि वर्ष का अंत नौकरी और करियर के लिहाज से इतना मायूस करने वाला होगा। लेकिन चूंकि नव वर्ष हमेशा नई उम्मीदें लेकर आता है, इसलिए हम कुछ ऐसे ही खास सेक्टर के बार में बता रहे हैं, जो वर्ष 2009 में करियर के लिहाज से शानदार हो सकते हैं।

हेल्थकेयर व फार्मा सेक्टर है हॉट

प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के मुताबिक, हेल्थकेयर सेक्टर वर्ष 2012 तक 40 बिलियन डॉलर के आंकडे को छू सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इस क्षेत्र में आने वाले पांच वर्षो में करीब 60 अरब डॉलर निवेश की संभावनाएं हैं। यूके की बडी कंपनी जीएसके, फाइजर, ग्लैक्सोस्मिथलाइन, मेरेक इंडिया जैसी फार्मा कंपनी भी अपने एम्प्लॉई की संख्या में वृद्धि कर सकती हैं। यदि आप हेल्थकेयर और फार्मा से जुडे कोर्स कर लेते हैं, तो आने वाले वर्ष में आप बेहतर जॉब की उम्मीद कर सकते हैं।

लोकप्रिय है एजुकेशन से जुडे कोर्स

आने वाले दिनों में नए यूनिवर्सिटीज, कॉलेज, स्कूल आदि खोले जाएंगे। इनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आईआईटी, आईआईएम,एनआईटी, आईआईआईटी आदि शामिल हैं। निजी क्षेत्र के इंस्टीटयूट का दायरा भी तेजी से बढ रहा है। सीसीईए ने 6000 नए मॉडल स्कूल खोलने का फैसला लिया है। ये तो हुई नई पहल की बात, लेकिन पहले से ही स्कूल-कॉलेजों की बडी संख्या में सीटें खाली पडी हुई हैं। वैसे, आज जिस तरह से सरकार इस सेक्टर पर ध्यान केंद्रित कर रही है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्ष में यह सेक्टर करियर की दृष्टि से काफी हॉट हो सकता है।

इंजीनियरिंग में अभी भी है दम

इंजीनियरिंग सेक्टर को इंडस्ट्री का बैक-बोन भी कहा जा सकता है। हेवी इंजीनियरिंग और लाइट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अभी मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल, सिविल आदि इंजीनियर्स की डिमांड बने रहने की संभावना है। ऐसे में इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति वर्ष 2009 में भी छात्रों का रुझान बना ही रहेगा।

आईटी ऐंड आईटीईएस में हैं संभावनाएं

आईटी कंपनी इंफोसिस और टीसीएस ने हाल ही में नए लोगों की भर्ती करने की घोषणा की है। इससे छात्रों का उत्साह इस कोर्स के प्रति अभी भी बरकरार है, क्योंकि यह सेक्टर पिछले कुछ वर्षो में जॉब मुहैया कराने में काफी आगे रहा है। वैसे, वित्तीय वर्ष 2008 में डोमेस्टिक आईटी मार्केट ने भी बेहतर विकास दर हासिल किया है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि आईटी और आईटीईएस सेक्टर संभावनाओं से परिपूर्ण है। भले ही इस समय इस सेक्टर के विकास दर में कुछ कमी आई हो, लेकिन करियर की दृष्टि से यह एक बेहतरीन फील्ड आज भी है।

इंश्योरेंस में सिक्योर है करियर

वर्ष 2009 में इंश्योरेंस सेक्टर करियर की दृष्टि से काफी हॉट रहेगा। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर की बडी कंपनी मेटलाइफ, मैक्स न्यूयार्क लाइफ, टाटा एआईजी, अवीवा आदि जैसी कंपनियां अपने एम्प्लॉइज की संख्या में इजाफा करने जा रही हैं। बाजार में हो रहे उथल-पुथल को देखते हुए बडी कंपनियां नई स्कीम लॉन्च करने जा रही हैं। मेटलाइफ इंडिया अगले कुछ महीनों में करीब 32 हजार और टाटा एआईजी भी अगले छह महीने में करीब 27 हजार लोगों की रिक्रूट करने पर विचार कर रही हैं।

इंश्योरेंस सेक्टर में जिस तरह ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ रही है, उसे देखते हुए यदि आप इससे संबंधित कोई कोर्स या ट्रेनिंग कर लेते हैं, तो आने वाले वर्षो में आपका करियर सिक्योर हो सकता है।

लीगल सेक्टर में है भरपूर मौका

आजकल हर बडे ऑर्गनाइजेशन में लीगल एक्सपर्ट की जरूरत होती ही है। केवल यही नहीं, मल्टीनेशनल कंपनियों में कंसल्टेंट, लीगल एडवाइजर आदि की नौकरी आसानी से मिल जाती है। दूसरी तरफ, एलपीओ का कारोबार भी तेजी से फल-फूल रह है। नैस्कॉम मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एलपीओ का मार्केट वर्ष 2010 तक 6 अरब डॅॅालर के आंकडे को पा कर सकता है। यदि आप लॉ के कोर्स में एडमिशन लेते हैं, तो आने वाला वर्ष आपके लिए बेहतर और विकल्पों से परिपूर्ण हो सकता है।

हॉस्पिटैलिटी में खुलेंगे नए अवसर

बीते कुछ वर्षो में अतुल्य भारत विदेशी टूरिस्टों के लिए भी अतुल्य था, लेकिन 26/11 के बाद स्थिति कुछ बदलती हुई नजर आ रही है। हालांकि वर्ष 2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम के दौरान विदेशी टूरिस्टों की संख्या में इजाफा होने से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की हेल्थ फिर से दुरुस्त होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षो से भारत में पर्यटन क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है। उधर पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय होटल कंपनियों की रुचि भी भारतीय बाजार में बढी है। मा फोई के सर्वे के मुताबिक, अगले दो वर्षो में यहां 11.41 अरब डॉलर निवेश किए जाने की उम्मीद है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अभी भी इस सेक्टर में स्किल्ड मैनपावर की काफी कमी है। इसलिए पर्यटन मंत्रालय ने यूनिवर्सिटीज से हॉस्पिटैलिटी से जुडे शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की सिफारिश भी की है।

संभावनाएं हैं मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट में

मंदी की वजह से मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी कुछ प्रभाव जरूर देखा जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट की मानें, तो अभी भी छात्रों का रुझान इस क्षेत्र से जुडे कोर्स के प्रति बना हुआ है। फिक्की और प्राइसवाटरहाउसकुपर्स की एक ज्वाइंट रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2011 तक 100000 करोड रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि पिछले कुछ वर्षो में मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काफी बूम देखी गई है और भविष्य में कई नए-नए चैनल्स, एफएम आदि भी आ रहे हैं। भले ही इन दिनों एक्सपैंशन प्लान पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी गई हो, लेकिन मार्केट की स्थिति मजबूत होते ही ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड एक बार फिर बढ जाने की उम्मीद है।

ट्रैक पर डोमेस्टिक बैंक

घरेलू बैंकिंग के क्षेत्र में इस समय करियर की भरपूर संभावनाएं हैं। हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 25 हजार लोगों को भर्ती करने की घोषणा की है। सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों ने भी वेकेंसीज निकाली हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मौजूदा वित्त वर्ष में पांच हजार नई भर्तियां करेगा। इसमें अति लघु, लघु और मझोले उद्यमों के लिए 300 विशेष अधिकारियों की नियुक्ति भी शामिल है। इसके अलावा, करीब 2500 प्रोबेशनरी ऑफिसर्स की नियुक्ति भी हो सकती है। बैंक ऑफ इंडिया भी आने वाले कुछ महीनों में 10 हजार लोगों को हायर कर सकती हैं। देखा जाए, तो डोमेस्टिक बैंकिंग के क्षेत्र में इस समय करियर बनाने के भरपूर अवसर हैं। कहने का आशय यही है कि इकोनॉमी में अप-डॉउन का खेल चलता ही रहता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि इकोनॉमी पर नजर रखते हुए उन्हीं सेक्टर से जुडे कोर्स को तरजीह दें, जहां भविष्य में आप खुद को भी सुरक्षित महसूस कर

नोबेल पुरस्कार 2009

वेंकटरमन को रसायन का नोबेल

राइबोसोम की संरचना व कार्यप्रणाली पर खोज के लिए रसायन का वर्ष 2009 का नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन के साथ अमेरिका के थॉमस ए- स्टेट्ज और इजरायल की अडा ई- योनथ को संयुक्त रूप से दिया गया है।

इन तीनों वैज्ञानिकों ने रोबोसोम्स के त्रिआयामी मॉडलों का विकास कर यह दिखाया कि तमाम प्रकार के एंटीबायोटिक किस तरह राइबोसोम से जुडते हैं। वास्तव में रिसर्चर इन मॉडलों के जरिए न केवल नए एंटीबायोटिक्स का विकास कर रहे हैं, बल्कि शरीर की रक्षा व रोगों के निदान में इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं।

रामकृष्णन ने शरीर के भीतर प्रोटीन बनाने वाले राइबोसोम का गहन अध्ययन किया। उनका यह अध्ययन विज्ञान के क्षेत्र में बुनियादी योगदान है। उन्होंने रोबोसोम्स की मैपिंग के लिए अति आधुनिक उपकरण एक्सरे सिंक्रोट्रांस के जरिए राइबोसोम्स की संरचना की विस्तृत मैपिंग की। गौरतलब है कि सिंक्रोट्रांस रोबोसोम्स को हजारों गुना बडा करके चित्र खींच सकता है।

संक्षिप्त परिचय

57 वर्षीय वेंकटरमन का जन्म तमिलनाडु स्थित चिदंबरम में हुआ था। वे गुजरात के बडौदा विश्वविद्यालय में 1971 में भौतिकी विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। उल्लेखनीय है कि मेडिकल में दाखिला पाने के बावजूद वेंकटरमन भौतिकी विषय के साथ अंडरग्रेजुएट किया। वेंकटरमन आगे की पढाई के लिए अमेरिका चले गए और बाद में वहां की नागरिकता प्राप्त कर ली। इस समय वे ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से जुडे हुए हैं।

1940 में जन्मे थॉमस ए.स्टेट्ज अमेरिकी नागरिक हैं, इन्होंने 1960 में हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ऐंड बायोकेमिस्ट्री से पीएचडी हासिल की। वहीं 1939 में जन्मी ई. योनथ इजरायली नागरिक हैं और स्ट्रक्चरल बायोलॉजी की प्रोफेसर हैं।

चिकित्सा का नोबेल

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष, 2009 का नोबेल पुरस्कार गुणसूत्रों (क्रोमोसोम्स) पर काम करने के लिए तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों एलिजाबेथ ब्लैकबर्न, कैरोल ग्राइडर और जैक ओस्टाक को दिया गया है। इन वैज्ञानिकों ने यह खोज की कि मानव शरीर कैसे गुणसूत्रों या क्रोमोसोम्स की रक्षा करता है।

इन तीनों वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाकर चिकित्सा विज्ञान की एक बडी पहेली हल कर दी कि सेल्स के विभाजन के समय क्रोमोसोम की कॉपी कैसे बनती है और वे कैसे खराब नहीं होते। वास्तव में इस खोज से कैंसर व स्टेम सेल्स के बारे में और जानकारी एकत्र करने में मदद मिलेगी।

संक्षिप्त परिचय

60 वर्षीया एलिजाबेथ ब्लैकबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में कार्यरत हैं, वहीं 48 वर्षीया कैरोल ग्राइडर जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में पढाती हैं। 57 वर्षीय जैक जोस्टाक बोस्टन स्थित मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में प्रोफेसर हैं।

भौतिकी का नोबेल

फाइबर ऑप्टिक्स व अ‌र्द्धचालक पर किए गए शोध के लिए वैज्ञानिक चा‌र्ल्स के- काओ, विलर्ड एस-बोएले और जॉर्ज ई स्मिथ को संयुक्त रूप से वर्ष, 2009 का भौतिकी का नोबल पुरस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार भौतिकी क्षेत्र में हुई ऐसी दो उपलब्धियों के लिए दिया गया है, जिसने इंटरनेट का आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

1966 में चा‌र्ल्स के काओ ने एक खोज की, जिससे फाइबर आप्टिक्स को महत्वपूर्ण गति मिली। काओ ने यह खोज की कि कैसे प्रकाश ऑप्टिकल फाइबर के जरिए लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है। इसी खोज का परिणाम था कि महज चार वर्ष बाद 1970 में पहली बार अतिशुद्ध ऑप्टिकल फाइबर के निर्माण में सफलता प्राप्त हुई।

वास्तव में, इन दिनों इंटरनेट ट्रैफिक का ज्यादा हिस्सा डिजिटल इमेजेज का होता है और इस साल के इस नोबेल पुरस्कार का दूसरा हिस्सा इस क्षेत्र में हुई खोज को जाता है। विलर्ड एस बोयले और जार्ज ई. स्मिथ ने पहली बार डिजिटल सेंसर का इस्तेमाल करते हुए इमेजिंग टेक्नोलॉजी की खोज की। इस खोज से इमेजेज की प्रोसेसिंग करके इसे शीघ्र भेजने में काफी मदद मिली।

संक्षिप्त परिचय

1933 में जन्मे चा‌र्ल्स के काओ ब्रिटिश व अमेरिकी नागरिक हैं और उन्होंने 1965 में इम्पीरियल कॉलेज लंदन से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी की। वहीं 1924 में जन्मे विलर्ड एस-बोयले कनाडा व अमेरिकी नागरिक हैं और उन्होंने 1950 में कनाडा स्थित मैकगिल यूनिवर्सिटी से भौतिकी में पीएचडी डिग्री हासिल की। 1930 में जन्मे जॉर्ज ई. स्मिथ अमेरिकी नागरिक हैं और उन्होंने अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से 1959 में भौतिकी में पीएचडी प्राप्त की।

नोबेल शांति पुरस्कार

विश्व शांति के लिए असाधारण कूटनीतिक प्रयासों के लिए वर्ष 2009 का शांति पुरस्कार अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा को देने की घोषणा की गई है। नोबेल समिति के अनुसार, राष्ट्रपति ओबामा ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया माहौल विकसित किया है तथा परमाणु हथियार मुक्त विश्व के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रशंसनीय है।

48 वर्षीय ओबामा अमेरिका के ऐसे चौथे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। दरअसल, ओबामा को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तथा लोगों के बीच सहयोग को मजबूती देने की उनकी असाधारण कोशिशों के लिए दिया गया है।

साहित्य का नोबेल

रोमानिया में जन्मी जर्मन लेखिका 56 वर्षीय हेर्टा मुलर को वर्ष 2009 के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। हेर्टा ने रोमानिया के पूर्व कम्युनिस्ट शासक निकोलई सिजेस्क्यू के दौर में अल्पसंख्यक जर्मन समुदाय की मुश्किलों भरी जिंदगी का सजीव चित्रण किया है। हेर्टा ने तत्कालीन रोमानिया में दुखद जीवन व्यतीत करने वाले जर्मन अल्पसंख्यक समुदाय के जीवन का स्पष्ट खाका खींचा है।

हेर्टा का जन्म अगस्त, 1953 में रोमानिया के नैबट इलाके हुआ था। 1973 से 1976 के बीच हेर्टा ने साहित्य का अध्ययन किया। बाद में उन्होंने अनुवादक नौकरी शुरू की, लेकिन सिजेस्क्यू की बदनाम सिक्युरिटी सीक्रेट में काम करने से इनकार करने के कारण उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपना सारा समय साहित्य की सेवा में लगा दिया।

अर्थशास्त्र का नोबेल

संगठनों द्वारा साझा संपत्ति के उपयोग व संपत्ति के प्रबंधन संबंधी विचारों के लिए अमेरिकी महिला अर्थशास्त्री लिनोर ओस्ट्रोम और ओलिवर विलियमसन को वर्ष 2009 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। दरअसल, पिछले तीन दशकों से आर्थिक प्रबंधन जैसे प्राय: उपेक्षित विषय की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने में इन अर्थशास्त्रियों का खासा योगदान है।

प्रोफेसर ओस्ट्रोम व विलियमसन ने अपने कार्यो से यह साबित किया कि आर्थिक विश्लेषण से कई तरह के सामाजिक संगठनों की व्याख्या की जा सकती है। विलियमसन को कॉर्पाेरेट संघर्ष के समाधान के सिद्धांत के प्रतिपादन के लिए यह पुरस्कार दिया गया है, जबकि ओस्ट्रोम अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली महिला हैं।

source-jagran.com

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

नहाए-खाए के साथ छठ का महापर्व

नहाए-खाए के साथ छठ का महापर्व शुरू


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पटना। सूर्य उपासना का पर्व छठ नहाए खाए के अनुष्ठान के साथ गुरुवार से शुरू हो गया।

चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के प्रथम दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं ने पटना के गंगा किनारे स्थित विभिन्न घाटों पर जाकर स्नान करने के बाद भगवान भास्कर को नमन करते हुए अपने व्रत की शुरूआत की। नहाय-खाए के अवसर पर प्रदेश के अन्य भागों से भी छठ व्रतियों के विभिन्न नदियों के घाटों और तालाबों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को नमन करने के समाचार प्राप्त हुए हैं।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में प्रतिपक्ष की नेता राबड़ी देवी भी छठ पर्व के अवसर पर पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर वह स्वयं इसके लिए तैयारी करती नजर आई। राबड़ी देवी ने पूर्व की तरह इस वर्ष भी गुरूवार से शुरू इस पर्व के लिए अपने सरकारी आवास में गेहूं को धोकर उसे धूप में सूखाया और पूजा की अन्य सामग्रियां इकट्ठा की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में एक उच्च स्तरीय बैठक कर लोक आस्था के इस पर्व पर प्रशासन की ओर से प्रदेश की विभिन्न नदियों के घाटों और तालाबों के किनारे सफाई तथा छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा उनके लिए की जा रही अन्य व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल की और आवश्यक निर्देश दिए।

इससे पूर्व गत रविवार को मुख्यमंत्री ने पटना के गंगा किनारे के विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया था और वहां छठ व्रतियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा सफाई सहित अन्य तैयारियों का जायजा लिया।

पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी किनारे अवस्थित 52 घाटों को छठ व्रतियों को अरघ देने के लिए असुरक्षित घोषित किया है जिनमें पटना नगर निगम क्षेत्र के 31 और दानापुर अनुमंडल के 21 घाट शामिल हैं। इन घाटों में पटना नगर निगम में पड़ने वाले बांकीपुर घाट, अंटा घाट, सिविल कोर्ट घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएनबी घाट, कदम घाट, कृष्णा घाट, गांधी घाट, इंजीनियरिंग कालेज घाट, एलसीटी घाट, कुर्जी मोड़ घाट, सूर्य मंदिर घाट, जहाज घाट [बाटा के बगल में] नकटा दियारा घाट, नौजर घाट, मित्तन घाट शामिल है। पटना नगर निगम के अन्य असुरक्षित घोषित किए गए घाटों में सीता घाट, खाजेकल घाट, टेढी घाट, चिमनी घाट, झाउगंज घाट, कच्ची घाट, पथराज घाट केसोराय घाट, किला घाट, हीरानंद शाह घाट, सीढी घाट, बालू घाट, घसियारी घाट एवं नरकट घाट शामिल हैं।

जिला प्रशासन द्वारा पटना के दानापुर स्थित जिन घाटों को असुरक्षित घोषित किया गया है उनमें सप्लाई डिपो घाट, पीपापुल घाट, काली घाट, सीढी घाट, कलब घाट, पोठिया बाजार घाट, झुनझुनवाला घाट, थानापर घाट, बडी मछुआटोली घाट, इमलीताल घाट, भट्टीपर घाट, गोलाघाट, दलदली घाट, चौधराना घाट, अवस्थी घाट, बनपर टोली घाट, नारियल घाट, चाईटोला घाट, नासरीगंज घाट, बीएस कालेज घाट एवं हल्दीछपरा घाट शामिल हैं। गंगा नदी में बढे जलस्तर के कारण उनके असुरक्षित होने को देखते हुए जिला प्रशासन ने पटना नगर निगम क्षेत्र में 59 स्थानों पर तालाब का निर्माण कर छठ व्रतियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।

जिला प्रशासन ने छठ के पहले और दूसरे अ‌रघ के दिन गंगा में नाव के परिचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और घाटों पर आतिशबाजी पर भी रोक लगा दी है।

बीएड की तीसरी काउंसिलिंग


बीएड की तीसरी काउंसिलिंग न कराने का निर्देश


लखनऊ। उच्च शिक्षा विभाग ने दो दिन पूर्व जारी अपने फरमान से कदम वापस खींचते हुए आगरा के डा.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को बीएड के शैक्षिक सत्र 2008-09 की तीसरी काउन्सिलिंग न कराने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय से अनुमति लेने के बाद ही तीसरी काउन्सिलिंग करायी जायेगी। गौरतलब है कि विभाग ने मंगलवार को ही अम्बेडकर विवि के कुलपति को बीएड की तीसरी काउन्सिलिंग शीघ्रातिशीघ्र कराने का निर्देश दिया था।
वर्ष 2008-09 के बीएड सत्र में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी आगरा के अम्बेडकर विवि को दी गई थी। उच्च न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने बीती पांच मई को आदेश दिया था कि बीएड की काउन्सिलिंग 10 जून तक पूरी करा ली जाए। अदालत के आदेश के अनुपालन में अम्बेडकर विवि ने बीएड की दूसरी काउन्सिलिंग नौ जून तक पूरी करा ली लेकिन बीएड की 15000 सीटें फिर भी खाली रहीं। इन्हीं खाली सीटों को भरने के लिए ही उच्च शिक्षा विभाग ने अम्बेडकर विवि को तीसरी काउन्सिलिंग कराने का निर्देश दिया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक महकमे को न्याय विभाग ने राय दी है कि इस मामले में उच्च न्यायालय से अनुमति लेने के बाद ही काउन्सिलिंग आयोजित की जाए। इस पर विभाग ने गुरुवार को अम्बेडकर विवि के कुलसचिव को पत्र लिखकर पूर्व में काउन्सिलिंग कराने के निर्देश को निरस्त करने की बात कही है।
उधर बीएड के सत्र 2009-10 को शून्य घोषित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ निजी कालेज लामबंद हो चुके हैं। इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को स्ववित्तापोषित महाविद्यालय समन्वय समिति के पदाधिकारियों व सभी निजी कालेजों के प्रबंधकों की बैठक राजधानी में होगी। समिति के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने यह जानकारी दी।
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