शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

कोर्स

हेल्थकेयर सेक्टर वर्ष 2012 तक 40 बिलियन डॉलर के आंकडे को छू सकता है।

सीसीईए ने 6000 नए मॉडल स्कूल खोलने का लिया है फैसला।

मेटलाइफ इंडिया अगले कुछ महीने में 32 हजार और टाटा एआईजी करीब 27 हजार लोगों को कर सकती हैं हायर

अगले दो साल में 11.41 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में।

2011 तक मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पहुंच सकती है 100000 करोड रुपये तक।

एसबीआई ने किया 25 हजार लोगों को रिक्रूट करने की घोषणा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी करेगा पांच हजार लोगों की भर्तियां।

हम वर्ष 2008 के अंतिम पडाव पर हैं और नव वर्ष 2009 को दस्तक देने ही वाले हैं। हालांकि वर्ष 2008 के शुरुआतमें किसी भी सेक्टर में नौकरियों की कोई कमी नहीं थी और सेंसेक्स भी कुलाचें भर रहा था, लेकिन शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि वर्ष का अंत नौकरी और करियर के लिहाज से इतना मायूस करने वाला होगा। लेकिन चूंकि नव वर्ष हमेशा नई उम्मीदें लेकर आता है, इसलिए हम कुछ ऐसे ही खास सेक्टर के बार में बता रहे हैं, जो वर्ष 2009 में करियर के लिहाज से शानदार हो सकते हैं।

हेल्थकेयर व फार्मा सेक्टर है हॉट

प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के मुताबिक, हेल्थकेयर सेक्टर वर्ष 2012 तक 40 बिलियन डॉलर के आंकडे को छू सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इस क्षेत्र में आने वाले पांच वर्षो में करीब 60 अरब डॉलर निवेश की संभावनाएं हैं। यूके की बडी कंपनी जीएसके, फाइजर, ग्लैक्सोस्मिथलाइन, मेरेक इंडिया जैसी फार्मा कंपनी भी अपने एम्प्लॉई की संख्या में वृद्धि कर सकती हैं। यदि आप हेल्थकेयर और फार्मा से जुडे कोर्स कर लेते हैं, तो आने वाले वर्ष में आप बेहतर जॉब की उम्मीद कर सकते हैं।

लोकप्रिय है एजुकेशन से जुडे कोर्स

आने वाले दिनों में नए यूनिवर्सिटीज, कॉलेज, स्कूल आदि खोले जाएंगे। इनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आईआईटी, आईआईएम,एनआईटी, आईआईआईटी आदि शामिल हैं। निजी क्षेत्र के इंस्टीटयूट का दायरा भी तेजी से बढ रहा है। सीसीईए ने 6000 नए मॉडल स्कूल खोलने का फैसला लिया है। ये तो हुई नई पहल की बात, लेकिन पहले से ही स्कूल-कॉलेजों की बडी संख्या में सीटें खाली पडी हुई हैं। वैसे, आज जिस तरह से सरकार इस सेक्टर पर ध्यान केंद्रित कर रही है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्ष में यह सेक्टर करियर की दृष्टि से काफी हॉट हो सकता है।

इंजीनियरिंग में अभी भी है दम

इंजीनियरिंग सेक्टर को इंडस्ट्री का बैक-बोन भी कहा जा सकता है। हेवी इंजीनियरिंग और लाइट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अभी मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल, सिविल आदि इंजीनियर्स की डिमांड बने रहने की संभावना है। ऐसे में इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति वर्ष 2009 में भी छात्रों का रुझान बना ही रहेगा।

आईटी ऐंड आईटीईएस में हैं संभावनाएं

आईटी कंपनी इंफोसिस और टीसीएस ने हाल ही में नए लोगों की भर्ती करने की घोषणा की है। इससे छात्रों का उत्साह इस कोर्स के प्रति अभी भी बरकरार है, क्योंकि यह सेक्टर पिछले कुछ वर्षो में जॉब मुहैया कराने में काफी आगे रहा है। वैसे, वित्तीय वर्ष 2008 में डोमेस्टिक आईटी मार्केट ने भी बेहतर विकास दर हासिल किया है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि आईटी और आईटीईएस सेक्टर संभावनाओं से परिपूर्ण है। भले ही इस समय इस सेक्टर के विकास दर में कुछ कमी आई हो, लेकिन करियर की दृष्टि से यह एक बेहतरीन फील्ड आज भी है।

इंश्योरेंस में सिक्योर है करियर

वर्ष 2009 में इंश्योरेंस सेक्टर करियर की दृष्टि से काफी हॉट रहेगा। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर की बडी कंपनी मेटलाइफ, मैक्स न्यूयार्क लाइफ, टाटा एआईजी, अवीवा आदि जैसी कंपनियां अपने एम्प्लॉइज की संख्या में इजाफा करने जा रही हैं। बाजार में हो रहे उथल-पुथल को देखते हुए बडी कंपनियां नई स्कीम लॉन्च करने जा रही हैं। मेटलाइफ इंडिया अगले कुछ महीनों में करीब 32 हजार और टाटा एआईजी भी अगले छह महीने में करीब 27 हजार लोगों की रिक्रूट करने पर विचार कर रही हैं।

इंश्योरेंस सेक्टर में जिस तरह ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ रही है, उसे देखते हुए यदि आप इससे संबंधित कोई कोर्स या ट्रेनिंग कर लेते हैं, तो आने वाले वर्षो में आपका करियर सिक्योर हो सकता है।

लीगल सेक्टर में है भरपूर मौका

आजकल हर बडे ऑर्गनाइजेशन में लीगल एक्सपर्ट की जरूरत होती ही है। केवल यही नहीं, मल्टीनेशनल कंपनियों में कंसल्टेंट, लीगल एडवाइजर आदि की नौकरी आसानी से मिल जाती है। दूसरी तरफ, एलपीओ का कारोबार भी तेजी से फल-फूल रह है। नैस्कॉम मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एलपीओ का मार्केट वर्ष 2010 तक 6 अरब डॅॅालर के आंकडे को पा कर सकता है। यदि आप लॉ के कोर्स में एडमिशन लेते हैं, तो आने वाला वर्ष आपके लिए बेहतर और विकल्पों से परिपूर्ण हो सकता है।

हॉस्पिटैलिटी में खुलेंगे नए अवसर

बीते कुछ वर्षो में अतुल्य भारत विदेशी टूरिस्टों के लिए भी अतुल्य था, लेकिन 26/11 के बाद स्थिति कुछ बदलती हुई नजर आ रही है। हालांकि वर्ष 2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम के दौरान विदेशी टूरिस्टों की संख्या में इजाफा होने से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की हेल्थ फिर से दुरुस्त होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षो से भारत में पर्यटन क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है। उधर पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय होटल कंपनियों की रुचि भी भारतीय बाजार में बढी है। मा फोई के सर्वे के मुताबिक, अगले दो वर्षो में यहां 11.41 अरब डॉलर निवेश किए जाने की उम्मीद है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अभी भी इस सेक्टर में स्किल्ड मैनपावर की काफी कमी है। इसलिए पर्यटन मंत्रालय ने यूनिवर्सिटीज से हॉस्पिटैलिटी से जुडे शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की सिफारिश भी की है।

संभावनाएं हैं मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट में

मंदी की वजह से मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी कुछ प्रभाव जरूर देखा जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट की मानें, तो अभी भी छात्रों का रुझान इस क्षेत्र से जुडे कोर्स के प्रति बना हुआ है। फिक्की और प्राइसवाटरहाउसकुपर्स की एक ज्वाइंट रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2011 तक 100000 करोड रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि पिछले कुछ वर्षो में मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काफी बूम देखी गई है और भविष्य में कई नए-नए चैनल्स, एफएम आदि भी आ रहे हैं। भले ही इन दिनों एक्सपैंशन प्लान पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी गई हो, लेकिन मार्केट की स्थिति मजबूत होते ही ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड एक बार फिर बढ जाने की उम्मीद है।

ट्रैक पर डोमेस्टिक बैंक

घरेलू बैंकिंग के क्षेत्र में इस समय करियर की भरपूर संभावनाएं हैं। हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 25 हजार लोगों को भर्ती करने की घोषणा की है। सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों ने भी वेकेंसीज निकाली हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मौजूदा वित्त वर्ष में पांच हजार नई भर्तियां करेगा। इसमें अति लघु, लघु और मझोले उद्यमों के लिए 300 विशेष अधिकारियों की नियुक्ति भी शामिल है। इसके अलावा, करीब 2500 प्रोबेशनरी ऑफिसर्स की नियुक्ति भी हो सकती है। बैंक ऑफ इंडिया भी आने वाले कुछ महीनों में 10 हजार लोगों को हायर कर सकती हैं। देखा जाए, तो डोमेस्टिक बैंकिंग के क्षेत्र में इस समय करियर बनाने के भरपूर अवसर हैं। कहने का आशय यही है कि इकोनॉमी में अप-डॉउन का खेल चलता ही रहता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि इकोनॉमी पर नजर रखते हुए उन्हीं सेक्टर से जुडे कोर्स को तरजीह दें, जहां भविष्य में आप खुद को भी सुरक्षित महसूस कर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें