सोमवार, 9 नवंबर 2009

विषय और पढ़ाई

जब भी तुम्हें चोट लगती होगी, शुरू में काफी दर्द होता होगा, लेकिन धीरे-धीरे दर्द सहने की आदत हो जाती है और फिर उतना दर्द महसूस नहीं होता। कई बार ढेर सारे विषय और पढ़ाई देखकर तुम्हारे मन में घबड़ाहट होती होगी जैसे इनकी और आगे बढ़ते ही तुम जख्मी हो जाओगी, लेकिन धीरे-धीरे मन को कठोर बनाकर इनसे जूझने की ताकत आ जाती है। कहते हैं जब तक एक सैनिक के शरीर में लड़ाई के जख्म नहीं रहे उसका सैनिक जीवन अधूरा ही रहा। जिस मार्ग का अनुशरण करने का फैसला तुमने किया है, उसमें हमेशा कठिनाईयां, भय आदि पहले आते हैं और खुशियां धीरे-धीरे और बाद में। इसलिए इन सारे अनुभवों को कड़ी दवा की तरह पीते जाना चाहिए क्योंकि तुम्हारा मार्ग आगे बढ़ने के लिए है न कि केवल मुश्किलों को देखते रहने के लिए।

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